Sapna shah

Add To collaction

बेदर्दी बालम

बेदर्दी बालम 

🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁
एहसासों को कैसे बयां करूँ,
शब्द नहीं मेरे पास, 
आँखो में नींद नहीं,
ना दिल को कहीं चैन, 
इंतजार में गुजरे हमारे दिन रैन..!!

बेखबर ,बेकदर दिलबर हमारा ,
जाने ना वो दिल की प्रीत ,
बातों को समझें नहीं,
अनपढ़ सा है मेरा मनमीत ...

बांवरा मन नित राह निहारें ,
कभी तो साजन दरस दिखाएं ,
जो राधा तडप रही इस ओर ,
वहीं आग लगे शाम की ओर ..

दिल से धडकन जुदा कहाँ,
काश ! समझ ले दिलबर यहाँ ,
मन की पीडा मन ही जाने ,
दिलदार को दिल रब माने ..

सच्चे इश्क की रित दिल समझा ना पाया ..
क्यू हर बार अश्क मेरी ही झोली में आया ?
🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁

सपना शाह 

   4
4 Comments

Seema Priyadarshini sahay

20-Jan-2022 08:50 PM

बहुत खूबसूरत

Reply

Sapna shah

24-Jan-2022 08:32 PM

Thank u

Reply

Swati chourasia

19-Jan-2022 07:25 PM

Very beautiful 👌

Reply

Sapna shah

20-Jan-2022 11:44 AM

Thanks

Reply